Wednesday, January 18, 2012

Dil

दिल का ज़ुबां क्या हैं
ये हमें ना पता हैं
दिल तोड़ने वालो को
हम ये क्या बताये ।
टूटें हुए दिलसे
कोई प्यार क्या जताये
दिल का रिश्ता क्या है
ये हमें ना पता हैं ।

दिल को कफ़न में बन्ध करके
क्या कोई जिंदा हो सकता है?
जिसका दिल ही नहीं
वो तो जीके भी मर सकता हैं ।

अगर दिल में सवाल हो तो
तो बस ख्वाब को ना पालो
राजा हो तुम तो दिल पे कीचड ना डालो
की दिल तोड़ने वालो से दिल ही छुपालो ।

जिन्हें तकलीफ हो
वो जिंदा होते हैं
जिन्हें आनंद मिले
वो भी जिंदा होते हैं ।
इसीलिए अर्ज़ किया हैं
जीने की रास्तें में
कभी गलत तो सही
रिश्ता बने रिश्तें जिंदा हो
या शायद नहीं
फिर भी जिंदा दिल वालो
दिल जोड़ने वालो
दिल तोड़ने वालो से मुह
मत छुपालो ।

दिल का रिश्ता
ना जाने किसे पता हैं
दिल का हलचल सभी
को सताएं ।
टूटें हुए दिल की खबर
रखे वो दिल ही
जिसकी ये बदनसीबी
सलामत रहे
पल पल आनंद
की खुशनसीबी ।


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